शपथ ग्रहण से पहले भजन लाल की टीम पर सवाल डोडासरा ने एक्स पर पोस्ट कर मांगा जवाब
शपथ ग्रहण से पहले भजन लाल की टीम पर सवाल
शपथ ग्रहण से पहले भजन लाल की टीम पर सवाल डोडासरा ने एक्स पर पोस्ट कर मांगा जवाब
जयपुर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोड़सरा जयपुर में भाजपा सरकार के गठन की पहली सीढ़ी पर ही सियासी सवाल खड़ा कर दिया है जयपुर के अल्बर्ट हॉल में भाजपा की जीत के बाद विधायक दल के नेता के रूप में सांगानेर से निर्वाचित विधानसभा सदस्य भजन लाल शर्मा मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे इस बारे में राजभवन की सूचना के बाद सरकारी स्तर पर निमंत्रण पत्र वह विज्ञापन भी जारी किए गए हैं इस सूचना में मुख्यमंत्री के साथ उपमुख्यमंत्री के रूप में विद्याधर नगर विधायक दिया कुमारी और दूदू विधायक प्रेमचंद बेरवा के शपथ ग्रहण को लेकर विपक्षी कांग्रेस के प्रमुख गोविंद सिंह डोड़सरा ने अब सवाल खड़ा किया है।
राज्य में उपमुख्यमंत्री का कोई संवैधानिक पद नहीं
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक पर अपने आधिकारिक अकाउंट पर एक पोस्ट में डोड़सरा ने लिखा कल होने वाले कार्यक्रम के सरकारी निमंत्रण में मुख्यमंत्री के साथ उपमुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण का विवरण लिखा गया है जबकि संविधान की धारा 163 वह 164 में ऐसे किसी पद की शपथ का विवरण नहीं है जाहिर है कि राज्य में उपमुख्यमंत्री का कोई संवैधानिकपद नहीं होता है।
पहले भी बने हैं उप मुख्यमंत्री
अशोक गहलोत सरकार के तीसरे कार्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह रामनिवास बाग के अल्बर्ट हॉल के बाहर ही हुआ था इस दौरान गहलोत के साथ सचिन पायलट ने भी उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी लेकिन सरकारी निमंत्रण में इसका कोई जिक्र नहीं था जाहिर है कि उपमुख्यमंत्री को लेकर कोई संवैधानिक मान्यता नहीं होती है हालांकि राजनीतिक लाभ के जरिए से परिया अपने नेताओं का कद बढ़ाने को उन्हें डिप्टी सीएम के रूप में नियुक्त करती है इसके पहले अपने प्रथम कार्यकाल में अशोक गहलोत ने द्वारका प्रसाद बेरवा और कमला बेनीवाल को भी उपमुख्यमंत्री बनाया था वही भैरव सिंह शेखावत के कार्यकाल के दौरान भी हरिशंकर भाभड़ा उपमुख्यमंत्री बने थे।
पायलट की शपथ पर भी उठे थे सवाल
गहलोत के पिछले कार्यकाल के दौरान सचिन पायलट के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लिए जाने पर भी सवाल उठे थे साथ ही शपथ के दौरान उपमुख्यमंत्री शब्द के इस्तेमाल को गैर संवैधानिक बताया गया था।