मुख्यमंत्री बीज स्वावलम्बन योजना 2022 निशुल्क बीज का लाभ जानिए
Chief Minister Beej Swavalamban Yojana फ्री मे बीज केसे ले क्या फायदा है
मुख्यमंत्री बीज स्वावलम्बन योजना 2022
Chief Minister Beej Swavalamban Yojana
ये योजना केंद्र सरकार दुवारा शुरू की गयी है जो किसानों को लाभ पहुंचा रही हैं। इसमें से एक योजना जो केंद्र सरकार की ओर से किसानों चलाई जा रही है | इस योजना से हम आपको इसी योजना के बारें में जानकारी देगे केंद्र सरकार ने की इस बीज योजना से जुडक़र किस प्रकार किसान फायदा उठा सकते हैं।
केंद्र सरकार ने इस योजना का मुख्य लक्ष्य किसान को आत्मनिर्भर बनाना है। की वो किसी दूसरों पर आश्रित ना हो। इस योजना के अनुसार सरकार की ओर से किसानों को फसल के बीज के उत्पादन में मदद की जाएगी जिससे किसान बीज के लिए किसी अन्य राज्यों पर निर्भर नहीं हो और उसे बीज आसानी से मिल सकें । इस योजना में सरकार की तरफ से गांव में ही समूह बना कर किसानों प्रशिक्षण दिया जाये।
राज्य सरकार भी योजना को व्यवस्था में सहयोग प्रदान कर रही है। इससे वे अच्छी क्वालिटी के बीच उत्पादन कर स्वस्थ फसल की खेती कर सकते है।इससे किसानों के उत्पादन में तो बढ़ोतरी होगी ओर साथ ही किसान के लिए बुवाई के समय बीज के लिए इधर-उधर परेशान नहीं पड़ेगा। वैसे ही किसान को कोरोना वायरस संक्रमण में लगे लॉकडाउन के कारण बहुत नुकसान भी हुआ है ओर अनेक परेशानी का सामना करना पड़ता है उठाना पड़ा है।
इसके बाद फसलों पर टिड्डी दल का हमला के कारण किसानों का आर्थिक नुकसान हुआ है। इस योजना मे फसल की बुवाई के लिए छोटे किसानों का बाजार से बीज खरीदना मुश्किल हो जाता है । इस लिए सरकार की यह योजना किसानों के लिए बेहद लाभकारी साबित हुई है। ये बीज योजना किसानों को बीज उत्पादन के लिए प्रेरित करने एवं जागरूक हो ओर आगे बड़ सके है। इसी योजना की तर्ज पर राजस्थान में मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना शुरू की गई है,जो केंद्र की बीज योजना का ही समरूप है।
इस योजना के अनुसार किसानों को मिनिकिट का वितरण भी किया गया है। कोरोना वायरस व लॉकडाउन के चलते राजस्थान सरकार राज्य के किसानों को फ्री मक्का व बाजरा के बीज फ्री में प्रदान कर रही है। जो भी किसान इस योजना के लिए करना चाहते है कर सकते हैं।हम आपको बतायेगे की किस प्रकार बीज योजना और किसानों के लिए कार्य कर रही है इस योजना से किसान कैसे लाभ उठा सकते हैं।
क्या है ये योजना और कैसे कार्य करती है / बीज बैंक योजना
इस स्वावलम्बन बीज योजना के अनुसार आरएसएससी द्वारा दो-तीन गांवों का एक समूह बनाकर 50 से 100 किसानों का समूह बनाया जाता है। इसके बाद समूह के प्रत्येक किसान को 0.1 हैक्टेयर में बुवाई के लिए अनुदान पर फाउंडेशन बीज दिया जा है, ताकि उत्पादन होने वाले सर्टिफाइड बीज को दुबारा बुवाई के काम में लिया जा सके।
बीज उत्पादन के दौरान बुवाई से लेकर कटाई तक आरएसएससी द्वारा किसानों को प्रशिक्षिण दिया जाता है। इस योजना में किसान को राज्यवार चयनित तीन फसल बीजों पर प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। इससे किसान स्वयं अच्छी किस्म के बीज का उत्पादन कर गुणवत्तापूर्ण फसल की खेती कर अपनी आय बढ़ा सके | किसानो को आत्मनिर्भर बनाना है।
50% तक मिलता है इस योजना में अनुदान
स्वावलम्बन बीज योजना के अनुसार छोटे किसानों को पचास प्रतिशत तक अनुदान पर बीज उपलब्ध कराए जाते हैं। वहीं सामान्य किसान को 25 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। इसके अलावा खाद, दवा और कृषि यंत्र पर भी हर राज्य की सरकारें अपने हिसाब से अनुदान पर देती है जो अलग-अलग राज्य के हिसाब से अलग-अलग होता हैं।
मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना
राजस्थान में मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना शुरू की गई है। इसके अनुसार भी कृषि विभाग को लक्ष्य दिया जाता है, जिसके अनुसार कृषि विभाग द्वारा 30 से 50 किसानों का समूह बनाया जाता है। किसानों को आरएसएससी से निशुल्क बीज उपलब्ध करवाते हैं। बुवाई के बाद समूह के सभी किसानों को तीन प्रशिक्षण दिए जाते है। इसके बाद लाभान्वित किसानों द्वारा तैयार किए किसानों को विक्रय किया जाता है।
कहां से मिलेंगे बीज
मुख्यमंत्री बीज स्वावलम्बन योजना इस योजना राज्य राष्ट्रीय तिलहन एवं ऑयल पॉम मिशन तथा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के अनुसार राजस्थान सरकार द्वारा मिनिकिट वितरण किया जाता है। मिनिकिट का आयोजन राजस्थान के विभिन्न जलवायु क्षेत्रों के लिए फसल की उपज एवं गुणवत्ता के आधार पर किस्म चयन में सहायक होती है। कमजोर वर्ग के कृषकों को मिनिकिट के माध्यम से लाभ दिया जाता है |
स्वावलंबन बीज मिनिकिट प्राप्त करने के लिए पात्रता
मुख्यमंत्री बीज स्वावलम्बन योजना इस योजना मिनिकिट अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लघु एवं सीमान्त तथा गरीबी की रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले कृषकों को प्राथमिकता से मिनिकिट का वितरण किया जाता है। मिनिकिट महिला के नाम से दिये जाते है, चाहे भूमि महिला के पति/पिता/ससुर के नाम से हो। एक महिला को मिनिकिट का एक ही पैकेट दिया जाता है।
एक ही कृषक परिवार की अलग-अलग कृषक महिला सदस्य के नाम से मिनिकिट नहीं दिया जाएगा।यदि किसी ग्राम पंचायत में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति के कृषक उपलब्ध नहीं हो तो सामान्य श्रेणी के महिला कृषकों में मिनिकिट वितरण किया जा सकता है।बीज हेतु ऐसे कृषकों का चयन किया जाता है जिन्हें गत तीन वर्ष में मिनिकिट कार्यक्रम में लाभ नहीं किया गया है।
सिंचाई की सुविधा वाले कृषकों को प्राथमिकता दी गई है।