राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन 2022
National Rural Health Mission राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन मुख्य उद्देश्य
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन 2022
National Rural Health Mission
इस योजना को राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन NHRM का शुभारंभ केंद्र सरकार द्वारा 12 अप्रैल वर्ष 2005 में देश के ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे नागरिकों को सुरक्षित स्वास्थ्य उपलब्ध करवाने के लिए शुरू किया गया था |
इस मिशन के अनुसार सरकार देश के आर्थिक रूप से कमजोर परिवार जिनकी आर्थिक स्थिति खराब है उनके जीवन को बेहतर स्वास्थ्य सुरक्षा सेवाएँ नहीं मिल पाती, उन्हे सभी को राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अनुसार स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करती है और यही सरकार का मुख्य लक्ष्य है जिससे मिशन द्वारा देश में रह रहें ऐसे ग्रामीण परिवार की महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कारवाई जा सके | आपको हम सरकार द्वारा चलाई जा रही National Health Rural Mission से सम्बंधित सेवाओं और उनमें लाये गए अनेक बदलाव की सभी जानकारी देंगे अगर आप इस योजना से जुड़ी सभी जानकारी लेना चहेते है तो इस पोस्ट को शुरू से लेकर अंत तक पड़े |
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन 2022
हमारे देश के सभी नागरिकों को अच्छे स्वास्थ्य से सम्बंधित सेवाएँ प्रदान करने हेतु सरकार द्वारा पिछले कई वर्षों में बहुत से कदम उठाये गए हैं, जिससे ग्रामीण एवं आस पास के इलाकों में रह रहे सभी नागरिकों के लिए बेहतर चिकित्सा सविधाएँ प्रदान करवाई जा सकें | सरकार द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन का प्रारम्भ वर्ष 2005 में किया गया था | इसके बाद वर्ष 2013 से इसे ग्रामीण के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों के लिए भी शुरू किया गया था |
जिसके बाद इसका नाम बदलकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन रख दिया गया, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अनुसार आने वाले दोनों राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NHRM) और राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन (NHUM) का सँचालन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा किया जाता है | राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन देश की महिलाओं, बच्चों और राज्य के सभी निर्धन आर्थिक रूप से कमजोर नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुरक्षा दी जाती है | जिससे देश भर में सभी ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले नागरिकों के स्वास्थ्य को अच्छा बनाया जा सकता है |
Rashtriya Gramin Swasthya Mission
मिशन का नाम | राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन |
विभाग | स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय |
किसके द्वारा आरम्भ की गई | केंद्र सरकार द्वारा |
मिशन का उद्देश्य | नागरिकों को स्वस्थ्य सुरक्षा प्रदान करना |
लाभार्थी | ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे सभी नागरिक |
आवेदन | ऑनलाइन |
आरम्भ की तिथि | 12 अप्रैल 2005 |
वर्ष | 2022 |
आधिकारिक पोर्टल | यहा क्लिक करे |
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन मुख्य उद्देश्य
इस राष्ट्रिय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन का मुख्य उदेश्य योजना के दुवारा से ग्रामीण क्षेत्र में रह रहे नागरिकों को अच्छे किफायती, और गुणवत्ता से परिपूर्ण स्वास्थ्य सुरक्षा सेवाएँ उपलब्ध करना है |
- महिला एवं बाल स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देना
- स्वास्थ्य देखभाल को बढ़ावा देने हेतु आशा की सहायता प्रदन करना
- स्थानीय महामारी एवं गैर संचारिक एवं संचारिक बीमारियों की रोक थाम करना
- जनसाख्यिक संतुलन एवं जनसंखया स्थिरीकरण
- तपेदिक क्षय (टीबी) जैसी बीमारी की रोकथाम करना
- मलेरिया, डेंगू, कालाज़ार जैसी बिमारियों में कमी लाना
- रोग प्रतिरक्षण एवं पोषाहार की सुविधा उपलब्ध करवाना
- बेहतर स्वास्थ्य के लिए AYUSH उन्नयन करना
- स्वास्थ्य जीवन शैली को बढ़ावा देना
- राज्य के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में रेह रहें बच्चों का टीकाकरण करना
- शिशु एवं मात्र मृत्यु दरों में कमी लाना
- शुद्ध पेयजल, एवं स्वच्छ शौचालयों का निर्माण की सुविधा प्रदान करना
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन से जुडी पहल
जननी सुरक्षा कार्यक्रम की शुरुआत करना :- इस योजना का शुरू आत देश में रह रही अनेक गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली गर्भवती महिलाओं को प्रसूति के समय बहुत सी सुविधाएँ प्रदान करवाने के लिए जारी किया गया है, इसके अनुसार सरकारी अस्पतालों में प्रसव के समय महिलाओं के लिए फ्री परिवाहन सुविधा, दवाई, भोजन आदि की सुविधा के साथ साथ और प्रसव होने पर महिला को 700 रूपये धनराशि भी उपलब्धकारवाई जाती है | जिससे महिलाओं को सुरक्षित प्रसव और अच्छी देखभाल की सुविधा दी जाती है ।
आशा की उपलब्धता बढ़ाना :- ये सवयंसेविकाएँ हैं, जिनकी सहायता से राज्य के नागरिकों तक स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान की जाती है, महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य का विशेष तौर पर ध्यान में रखते हुए मिशन के अनुसार देश में 8 लाख आशाओं की नियुक्ति भी की गई, जिससे गरीब पिछड़े वर्ग महिलाओ को देखभाल इनकी सहायता की जाती है ।
उप-केंद्रों को संयुक्त अनुदान :- इस मिशन के तहत एएनम को भी स्वस्थ्य सम्बन्धी कार्यों जैसे ब्लड प्रेशर मापने वाली मशीन, स्टेथोस्कोप जैसे उपकरणों के इस्तेमाल से बेहतर तरीके से परिचित करवाया जाता है ।
साथ ही नागरिकों की स्वास्थ्य सम्बन्धी स्वछता को ध्यान में रखते हुए भी सामुदायिक सशक्तिकरण का एक अन्य उपकरण ग्राम स्वास्थ्य स्वछता और पोषण समिति को बढ़ावा देना है।
रोगी कल्याण समिति :- यह समिति एक पंजीकर्त सर्मिति है| यह अस्पताल के मामलों का प्रबंधन करने हेतु ट्रस्टियों के समूह के रूप में काम करता है, इस कमिटी का निर्माण चिकित्सा इकाइयों को वित्तीय एवं स्वायत्ता प्रदान करने के लिए किया गया है।
(NHUM) के अंतर्गत विशेष रूप से चयनित राज्य
- हिमाचल प्रदेश
- असम
- मेघालय
- राजस्थान
- सिक्किम
- मध्य प्रदेश
- त्रिपुरा
- मिजोरम
- उत्तर प्रदेश
- जम्मू-कश्मीर
- नागालैंड
- छत्तीसगढ़
- उड़ीसा
- मिजोरम
- बिहार
- अरुणाचल प्रदेश
- मणिपुर
- उत्तरांचल
नेशनल हेल्थ रूरल मिशन के कार्य
नेशनल हेल्थ रूरल मिशन को जारी रखने के लिए इसके अंतर्गत किये जाने वाले कार्यों की जानकारी आप नीचे देख सकते हैं।
- नागरिकों को समय से कार्य प्रगति की रिपोर्ट को पेश करना
- प्राइवेट हेल्थ सेक्टर का नियमीकरण करना
- निजी स्वास्थ्य केंद्रों के साथ पार्टनरशिप करना
- लोगों द्वारा इलाज करवाने हेतु किये जाने वाले खर्चे के लिए बिमा योजना-प्रबंध करना
- स्वस्थ्य सम्बन्धी कार्य में सरकारी खर्चे मे वृद्धि करना
- ग्रामीण स्वस्थ्य केंद्रों को बेहतर बनाना और मजबूती देना
- मिशन में नियम और मापदंड अवधारित करना
स्वस्थ्य में क्या-क्या सुधार किये गए जानिए
नेशनल हेल्थ रूरल मिशन के अंतर्गत इसे और भी प्रभावी और बेहतर बनाने हेतु सरकार द्वारा मिशन में बहुत से सुधार किये गए हैं, जिसकी जानकारी आप यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं।
प्राइमरी हेल्थ केयर सेंटर्स के क्रियान्वयन हेतु : आवश्यकता पड़ने पर नए उपकेंद्रों को बनवाना और इनके लिए नई इमारतों का निर्माण करना, स्वास्थ्य क्षेत्र से सम्बंधित महिला कर्मी एएनम की आवश्यकता पड़ने पर नियुक्ति करना, स्वस्थ्य सम्बन्धी आवश्यकताओं हेतु आवश्यक दवाई उपलब्ध करवाना, ग्रामीण स्वास्थ्य देखभाल हेतु महिला कर्मी एएनम के बैंक खाते में 1000 रूपये की धनराशि प्रदान की जाएगी, जिसका इस्तेमाल वह जरुरत के समय लोगों के स्वाथ्य के इलाज हेतु कर सकेंगी।
- ग्रामीण क्षेत्रों में आशा की सहायता से नागरिकों के स्वास्थ्य सम्बन्धी सेवाएँ प्रदान करवाई जाएँगी।
- प्राइमरी हेल्थ केयर सेंटर के क्रियाव्यन हेतु :-आवश्यकता अनुसार बिल्डिंग निर्माण के साथ-साथ, प्राइमरी हेल्थ केयर सेंटर्स में 24 घंटों की सेवा उपलब्ध रहेगी, कुल तीन नर्सों एवं AYUSH (आयुर्वेदिक यूनानी होमियोपैथी) डॉक्टर की नियुक्ति करना।
- सामाजिक निगरानी एवं जवाबदेहि के लिए प्रबंध हेतु गाँव, जिला और राज्य के सत्तर पर कमेटियों का गठन करना
- एक निगरानी समूह का गठन करना जो आशा कर्यक्रम का निरक्षण कर सके।
आम नागरिकों को चिकित्सा की सुविधाएँ 24 घंटे स्वास्थ्य सम्बन्धी सुविधाएँ उपलब्ध करवाने - हेतु, कम्युनिटी हेल्थ केयर सेंटर की क्षमता के विकास करना, जिसके लिए बहुत से केंद्रों का चयन भी किया गया है।
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