राजस्थान कुशुम योजना ऑनलाइन आवेदन 2022
Rajasthan Kushum Yojana Online Application
राजस्थान कुशुम योजना ऑनलाइन आवेदन 2022
Rajasthan Kushum Yojana Online Application
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कुशुम योजना 2021 राजस्थान
Rajasthan Kusum Yojana, राजस्थान मे कुशुम योजना 2021 का मुख्य बिन्दु देश के किसानो को आधुनिक तकनिकी विकाशित चलने वाले साधन उपलब्ध करवाना है।किसानो को सौर ऊर्जा से चलने वाले सोलर पंप प्रदान करना है इस योजना के तहत केंद्र सरकार व राजस्थान राज्य सरकार 3 करोड़ पेटोल और डीजल सिचाई पम्पो को सोर ऊर्जा पम्प में बदलेगी। देश के जो भाई किसान सिचाई पम्पो को डीज़ल या पेट्रोल की मदद से चलाते है अब उन पंपों को इस Kusum योजना 2021 के अंतर्गत सोर ऊर्जा से चलाया जायेगा। इस योजना के पहले चरण में देश के 1.75 लाख पंप जो डीजल और पेट्रोल से चलते है उन्हें सोलर पैनल की मदत से चलाया जायेगा।
Kusum Yojana हो लिए अगर आपने अभी तक appiy नहीं किया है तो आप इसके लिए आवेदन कर सकते हो अप्लाई कैसे होगा, क्या क्या दस्तावेज होंगे योग्यता आवेदन प्रक्रिया, Kusum Yojana Application Form की जानकारी इस पोस्ट में दी गई है तो आप इस आर्ट्कल को शुरू से आखिर तक पूरा पढ़े।
Kusum योजना क्या है
Rajasthan Kusum Yojana सिंचाई व खेती करने वाले पम्पो को अब सोर ऊर्जा वाले पम्पो में बदला जाएगा। पहले जिन किसनो की खेती में आकाल सूखा पड़ जाने के कारण फसल ख़राब होती थी अब कुसुम योजना के तहत 2022 तक 3 करोड़ सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की कुल लागत 1.4 लाख करोड़ रुपये होगी। जिसमे से 48 हज़ार करोड़ रूपये का योगदान केंद्र सरकार करेगी और इतनी ही राशि राज्य सरकार वहन केरगी । इस योजना के अंतर्गत देश के किसानो को केवल 10 फीसदी ही लगाना होगा। 48 हजार करोड़ का बैंक लोन से इंतजाम कराया जाएगा।
New Update 2021 Kusum Yojana
Rajasthan Kusum Yojana इस योजना के निश्चित रूप से सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने में सहयता मिलेगी साथ ही किसान इन सोलर पंपों से बनने वाली अतिरिक्त बिजली की आपूर्ति ग्रिड को भी कर सकता है। केंद्र सरकार के द्वारा राजस्थान राज्य सरकार की मदद से 17.5 लाख डीज़ल पम्पो और 3 करोड़ खेती उपयोगी पम्पस को आगे आने वाले 10 वर्षो के अंदर सोलर पंप में परिवर्तिक करने का लक्ष्य रखा गया है।
Kushum Yojana Registration- कुसुम योजना आवेदन
Rajasthan Kusum Yojana आप ऑफलाइन या ऑनलाइन कैसे भी आवेदन किया जा सकता है। इस योजना के अंतर्गत संयंत्र सौर ऊर्जा की स्थापना हेतु तथा भूमि लीज पर देने हेतु आवेदन किया जा रहा है। वह सभी आवेदन कर्ता जिन्होंने अपनी भूमि लीज पर देने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है उनकी सूची आर आर ईसी द्वारा आधिकारिक वेबसाइट पर प्रदर्शित की जाएगी। वे सभी नागरिक जो सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए भूमि लीज पर लेना चाहते हैं वह आवेदकों की सूची आरआर ईसी की वेबसाइट से प्राप्त कर सकते है जिसके पश्चात वह पंजीकृत सोर ऊर्जा आवेदकों से संपर्क करके संयंत्र लगाने के लिए आवेदन कर सकते हो।
अगर आवेदक द्वारा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया गया है तो आवेदक को एप्लीकेशन आईडी प्राप्त होगी। आवेदक को ऑनलाइन आवेदन की स्थिति में आवेदन पत्र के प्रिंट आउट को प्रिंट आउट अपने पास सुरक्षित रखना अनिवाये है। यदि आवेदक द्वारा ऑफलाइन आवेदन किया गया है तो आवेदक को एक रसीद दी जाएगी जो की आवेदक को संभाल कर रखनी होगी। आवेदन करने के लिए आवेदन द्वारा सभी जरूरी कागज जमा करने होंगे।
आवेदन राशि कुशुम योजना
योजना में आवेदक को सौर ऊर्जा संयंत्र के लिए रजिस्ट्रेशन करने के लिए 5000 प्रति मेगावाट, जीएसटी की दर से आवेदन की रासी से भुगतान करना होगा। यह भुगतान प्रबंध निर्देशक राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के नाम से डिमांड ड्राफ्ट के रूप में किया जाएगा। आवेदन करने के लिए 0.5 मेगावाट से लेकर 2 मेगावाट तक के लिए आवेदन किया जा सकता है जिनके शुल्क इस प्रकार से है।
मेगा वाट आवेदन शुल्क
1.5 मेगावाट 7500 + जीएसटी
0.5 मेगावाट 2500 + जीएसटी
2 मेगावाट 10000 + जीएसटीस
1 मेगावाट 5000 + जीएसटी
Highlights Kusum Yojana 2021
- योजना का नाम कुशुम योजना
- किसने शुरू की वित्तमंत्री श्री अरुण जेटली जी के द्वारा
- कैटेगिरी केंद्र सरकार योजना
- योजना का उद्देश्य रियायती मूल्य पर सौर सिंचाई पंप उपलब्ध कराना
वित्तीय संसाधनों का अनुमान
1 किसानो के द्वारा प्रोजेक्ट लगाने
- अनुमानित निवेश 5 से 4.00 करोड़ रुपए प्रति मेगावाट
- सौर ऊर्जा संयंत्र की क्षमता 1 मेगावाट
- अनुमानित वार्षिक विद्युत उत्पादन 17 लाख यूनिट
- अनुमानित टैरिफ 14 प्रति यूनिट
- कुल अनुमानित वार्षिक आय 5300000
- अनुमानित वार्षिक खर्च 500000
- अनुमानित वार्षिक लाभ 4800000
- 25 वर्ष की अवधि में कुल अनुमानित आय 12 करोड़ रुपया
किसान के द्वारा भूमि लीज पर देने के
प्रति मेगावाट विद्युत उत्पादन 17 लाख यूनिट
1 मेगावाट हेतु भूमि की आवश्यकता 2 हेक्टेयर
अनुमति लीज रेंट 1.70 लाख से 3.40 लाख
कुशुम योजना के मुख्य उद्देश्य
कुशुम योजना का मुख्य रूप से उद्देश्य किसानो को आधुनिक सिंचाई के साधन बिजली आद्धी उपलब्ध करवाना है जिससे की किसानो की आय बढ़ सके और देश में किसानो को खेती करने के लिए समझाया जा सके
राजस्थान मे कुशुम योजना की लागत व आय
इस योजना से लगभग 20 लाख किसानो को जोड़कर उन्हें लाभ प्रदान किया जायेगा। इस योजना के तहत सरकार सन 2022 तक किसानो की आमदनी को 2 गुनी करने का लक्ष्य रखा गया है। पहले कुशुम योजना में 17.5 लाख किसानो को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया था। इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को केवल 10% कुल लागत का खर्च करना होगा। सरकार द्वारा 30% राशि किसानों को सब्सिडी के रूप में प्रदान की जाएगी तथा 30% राशि ऋण के रूप में किसानों को प्रदान की जाएगी। इस योजना के माध्यम अगले 25 वर्षों में सौर ऊर्जा प्लांट लगाने से भूमि मालिक को 60000 से लेकर 100000 प्रतिवर्ष की आय प्राप्त हो सकती है। कुसुम योजना के माध्यम से ना केवल बिजली की बचत होगी बल्कि 30,800 मेगावाट अतिरिक्त बिजली का उत्पादन भी किया जा सकता हे।
कुशुम योजना से किसानो को मिलने वाले लाभ की
Kushum Yojana Benefits To Farmers From
- इस योजना का लाभ सभी किसान वर्ग के लोग ले सकते है।
- इस योजना से राज्य के किसान अपने खेतो में सोलर सिस्टम लगाकर सौर ऊर्जा से पंपसेट चलाकर दिन में ही सिंचाई का कार्ये कर रह है।
- जिससे किसानो कि आय दुगनी होती जा रही है और किसानो को सिंचाई से जुडी हर समस्याएं दूर हो रही है।
- किसानो की इस योजना में 30 प्रतिशत धनराशि का अनुदान केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है और 30 प्रतिशत अनुदान राज्य सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है तथा 30 प्रतिशत धनराशि नाबार्ड द्वारा दी जा रही है। शेष 10 प्रतिशत राशि किसान को जमा करवा कर सौलर सिस्टम लगवाए जा रहे है।
इस कुसुम योजना के अंतर्गत 3 से 7. 5 एचपी के पम्पसेट लगाए जा रहे है 3 एचपी के लिए 20 हजार 549 रुपए, 5 एचपी के 33 हजार 749 रुपए एवं 7.5 एचपी के लिए 46 हजार 687 रुपए की राशि डिमांड के रूप में किसान को जमा करवानी होगी। तभी वह किसान अपने खेतो में सिचाई के लिए पम्पसेट लगवा सकते है। इस योजना के अंतर्गत राज्य के जो किसान अपने खेतो में सौर ऊर्जा सिस्टम लगाने के लिए लोन ले रहे है वह दिए गए लोन का भुगतान नगद नहीं कर सकते है सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन कर राज्य के किसान अन्य किसान या सरकार को ग्रिड पर बिजली देकर अतिरिक्त आमदनी कमा कर लोन की किश्तें चुका सकते है।
कुशुम योजना की नई अपडेट – Kusum Yojana 2022
इस योजना का लाभ देश के अधिक से अधिक किसानो को पहुंचने के लिए 13 नवम्बर को ऊर्जा मंत्रालय तथा केंद्र सरकार के द्वारा इस योजना का विस्तार किया जायेगा है। इस दायरे के अंतर्गत देश के किसानो को नया अलॉटमेंट जारी किया जायेगा। जिससे बाद मै किसान भाई अपना बिजली संयंत्र शुरू कर सकेंगे। ऊर्जा मंत्रालय की इस घोषणा के अंतर्गत अब बंजर भूमि परती, कृषि भूमि, चारागाह और दल-दली भूमि पर भी सौर बिजली संयंत्र लगाए जा सकते हैं। मंत्रालय के बयान के अनुसार योजना का लाभ छोटे किसान भाई भी उठा सकते है छोटे किसानो की सहायता के लिए 500 किलोवाट की कम क्षमता वाली परियोजनाओ को राज्य सरकार द्वारा मंजूरी दी जा सकती है।
Registration Rajasthan Kusum Yojana राजस्थान कुशुम योजना आवेदन 2022
इस कुसुम योजना के तहत खेती की सिंचाई करने वाले पम्पो को सोर ऊर्जा वाले पम्प बनाया जायेगा। कुशुम योजना का लाभ उन राज्यों के किसानो को अधिक मिलेगा जो की सूखा से प्रभावित है। Kusum Yojana 2021 के अंतर्गत 2022 तक लक्षित 3 करोड़ सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की कुल लागत 1.4 लाख करोड़ रुपये होगी। जिसमे से 48 हज़ार करोड़ रूपये का योगदान केंद्र सरकार देगी और इतनी राशि का योगदान राज्य सरकार करेगी। इस Kusum Yojana 2022 के तहत देश के किसानो को केवल कुल लगत का 10 फीसदी ही देना होगा जबकि 48 हजार करोड़ का बैंक के दुवारा लोन से किया जायेगा।
कुसुम योजना के अनुसार सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापना की अवधि
Kusum Yojana के अंतर्गत अप्लाई करने के बाद संबंधित विभाग द्वारा एसपीजी को सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापना करने के लिए लेटर ऑफ ऑथराइजेशन जारी किया जाएगा। यह लेटर ऑफ ऑथराइजेशन जारी करने की तिथि से 9 महीने की अवधि में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करना अनिवार्य होगा।यदि इस अवधि में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित नहीं किया गया तो पेनल्टी का भुगतान करना पड़ेगा।यह पेनल्टी पीपीए की शर्तों के अनुसार वसूल की जाएगी। पीपीए अवधि के दौरान सौर ऊर्जा संयंत्र द्वारा कम से कम 15% वार्षिक कैपेसिटी यूटिलाइजेशन फैक्टर बनाए रखना अनिवार्य होगा ।यदि कैपेसिटी यूटिलाइजेशन फैक्टर 15% से कम होता है तो इस स्थिति में क्षतिपूर्ति देनी होगी।यदि एसपीजी द्वारा जमा किए गए दस्तावेज गलत पाए जाते हैं तो आवेदन किसी भी स्तर पर अमान्य किया जा सकता है।
कुसुम योजना के कॉम्पोनेंट्स
इस योजना के चार कॉम्पोनेन्ट है जिनकी जानकारी इस प्रकार से है।
1’ ट्यूबवेल की स्थापना – सरकार द्वारा ट्यूबवेल की वावस्ता की जाएगी जो कि कुछ निश्चित मात्रा में बिजली उत्पादन करेंगे।
2’ सौर पंप वितरण – कुसुम योजना के प्रथम चरण के दौरान केंद्र सरकार के विभागों के साथ मिलकर बिजली विभाग, सौर ऊर्जा संचालित पंप के सफलता पूरक वितरण करेगी।
3’ सौर ऊर्जा कारखाने का निर्माण – सौर ऊर्जा कारखानों का निर्माण किया जाएगा जो कि पर्याप्त मात्रा में बिजली का उत्पादन करने की क्षमता रखते हैं।
4’ वर्तमान पंपों का आधुनिकरण – वर्तमान पंपों का आधुनिकरण भी किया जाएगा पुराने पंपों को नए सौर पंपो से बदला जाएगा।
कुसुम योजना के पहले ड्राफ्ट के अंतर्गत यह प्लांट्स बांझ बंजर क्षेत्रों में लगाए जाएंगे जोकि 28000 मेगावाट बिजली उत्पादन में सक्षम है। प्रथम चरण में सरकार द्वारा 17.5 लाख सौर ऊर्जा से चलने वाले पंप किसानों को उपलब्ध कर्वयगी जाएंगे। इसके अलावा बैंक किसानों को लोन के रूप में कुल खर्च का 30% अतिरिक्त प्रदान करेगी। किसानों को केवल बोहत कम लागत ही खर्च करनी होगी।
राजस्थान कुसुम योजना के अंतर्गत भूमि को लीज
Rajasthan Kusum Yojana के अनुसार यदि सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना विकास कर्ता द्वारा की जाती है तो इस स्थिति में भूमि के मालिक तथा विकास कर्ता द्वारा लीज रेट किराया निशित किया जाएगा। इसके पश्चात विकास कर्ता को भूमि के मालिक को यह रेंट देना होगा। रेंट की राशि सीधे भूमि के मालिक के खाते में पहुंचाई जाएगी। यह रेंट रुपए प्रति एकड़ एवं भूमि से उत्पादित बिजली की रुपए प्रति यूनिट के रूप में फिक्स किया जाएगा। लीज रेंट विकास कर्ता एवं भूमि के मालिक द्वारा आपसी सहमति से निर्धारित किया जाएगा। यदि विकास करता द्वारा लीज रेंट नहीं दिया जाता है तो वितरण निगम अनुबंध की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।
कुशुम योजना में राजस्थान का पहला स्थान
राजस्थान देशभर में इस योजना के कार्यान्वयन में पहले स्थान पर हैं। राजस्थान में इस योजना के अंतर्गत बिजली उत्पादन की सुविधा स्टार्ट की गई है। राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम द्वारा संचालित प्रधानमंत्री कुसुम कॉम्पोनेंट ए योजना के अंतर्गत जयपुर के जिले कोटपूतली तहसील में भालोजी गांव में प्रथम सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया गया है। जिसके लिए लगभग 3.70 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। इस परियोजना को 3.50 एकड़ भूमि पर किसान देवकरण यादव द्वारा स्थापित किया गया है।
कुशुम योजना के लाभ कौन कौन ले सकता है
- किसानों का समूह
- किसान
- सहकारी समितियां
- पंचायत किसान
- उत्पादक संगठन
- जल उपभोक्ता एसोसिएशन
कुशुम सोलर पम्प योजना 2021
वित् मंत्री द्वारा 2020 -21 बजट पेश करते हुए कहा कि 15 लाख किसानो ग्रिड से जुड़े सोलर पंप लगाने के लिए धन उपलब्द कराया जाएगा। इसके तहत किसानों को अपनी बंजर भूमि पर सौर ऊर्जा परियोजना लगाने के उपरान्त उन्हें अतिरिक्त बिजली ग्रिड को बेचने का विकल्प दिया जाएगा ।राजस्थान के जो इच्छुक किसान इन सभी सुविधाओं का लाभ उठाना चाहते है तो वह जल्दी से जल्दी आवेदन करे और योजना का लाभ उठाया जा सकता है
कुशुम योजना 2021 के क्या क्या लाभ Kusum Yojana Ke Labh
- 10 लाख ग्रिड से जुड़े कृषि पंपों का सोलराइजेशन।
- अब खेतों को सिंचाई करने वाले पम्पो सौर ऊर्जा से चलेंगे किसानों की खेती में बढ़ावा मिलगा।
- इस योजना का लाभ देश के सभी किसान भाई उठा सकते है।
- सस्तीदारों के मूल्य पर सौर सिंचाई पंप उपलब्ध कराना।
- इस योजना से मेगावाट की अतिरिक्त बिजली का उत्पादन होगा।
- कुसुम योजना 2021 के तहत पहले चरण में डीजल से चल रहे 17.5 लाख सिंचाई पंपों को सौर ऊर्जा से चलाया जाएगा जिससे डीजल की कमी कम होगी।
- इस योजना के अंतर्गत सोलर पेनल लगाने के लिए सरकार की तरफ से किसानो को 60% केंद्र सरकार की तरफ से वित्तीय सहायता दी जायेगी व बैंक 30% से लोन की सहायता प्रदान करेगा और सिर्फ किसान को 10 फीसदी का भुगतान करना पड़ेगा।
- कुसुम योजना उन किसानो के लिए फायदेमंद होगी जहाँ के राज्य सूखाग्रस्त अकाल होगा व जहाँ बिजली की समस्या रहती हो।
- सोलर प्लांट लगाने से 24 घंटे बिजली उपलब्द रहेगी,
- जिसकी वजह से किसान अपने खेतो में आसानी से सिचाई कर पायगे है।
- सोलर पेनल से जो अतिरिक्त बिजली बनेगी किसान उस बिजली को सरकारी या गैर सरकारी बिजली विभागों में बिजली बेच सकता है जहाँ से किसान को 1 माह की 6000 रूपये की मदद मिल सकती है।
- कुसुम योजना के अंतर्गत जो भी सोलर पेनल लगाये जायेंगे वो बंजर भूमि में लगाये जायेंगे जिससे की बंजर भूमि का भी उपयोग हो जायेगा,व बंजर भूमि से आय प्राप्त होगी।
Eligibility For Kushum Yojana कुशुम योजना की पात्रता
- आवेदन कर्ता भारत का स्थाई निवासी होना चाहिए।
- कुसुम योजना के अंतर्गत 0.5 मेगावाट से 2 मेगावाट क्षमता तक के सौर ऊर्जा संयंत्र के लिए आवेदक द्वारा आवेदन किया जा सकता है।
- आवेदक कर्ता द्वारा अपनी भूमि के अनुपात में 2 मेगावाट क्षमता या फिर वितरण निगम द्वारा अधिसूचित क्षमता के लिए अप्लाई कर सकता है।
- प्रति मेगावाट के लिए लगभग 2 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी।
- इस योजना के अंतर्गत स्वयं के खर्च से प्रोजेक्ट के लिए किसी भी प्रकार की वित्तीय योग्यता की आवश्यकता नहीं है।
- यदि आवेदक द्वारा किसी विकासकर्ता के माध्यम से प्रोजेक्ट विकसित किया जा रहा है तो विकासकर्ता की नेटवर्थ 1 करोड़ रुपए प्रति मेगावाट होनी आवसक है।
कुशुम योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज क्या होगे — Documents Required For Kushum Yojana
- आधार कार्ड
- राशन कार्ड
- मोबाइल नंबर
- ऑथराइजेशन लेटर
- जमीन की जमाबंदी की कॉपी
- रजिस्ट्रेशन की कॉपी
- बैंक खाता विवरण
पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा जारी नेटवर्थ सर्टिफिकेट (विकासकर्ता के माध्यम से प्रोजेक्ट विकसित करने की स्थिति
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राजस्थान गार्गी पुरस्कार योजना 2022
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